Maharashtra Politics: जल्द ही आमने-सामने होंगे उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट, 20 जुलाई को होने वाली हैं अयोग्यता मामले में सुनवाई
मुख्य खबरें :-
• शिवसेना के शिंदे गुट विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर 20 जुलाई को होगी सुनवाई
• सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच मामले की सुनवाई
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• सांसद संजय राउत ने कहाँ की सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक महाराष्ट्र राज्य में “राष्ट्रपति शासन” लगाया जायें
महाराष्ट्र:- शिवसेना द्वारा बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका पर 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट देगी सुनवाई। साथ ही चीफ जस्टिस एनवी रमना जिनकी अध्यक्षता वाले बेंच मामले की सुनवाई भी करेगी सुप्रीम कोर्ट जिसमें जस्टिस कृष्ण मुरारी के साथ जस्टिस हिमा कोहली भी शामिल हैं। और दुसरी तरफ शिवसेना पार्टी के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सुप्रीम कोर्ट के तरफ से कोई फैसला आने तक महाराष्ट्र राज्य में राष्ट्रपति शासन को लगाया जायें ऐसी मांग की हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को शिवसेना पार्टी के दावे को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच जो कानूनी लड़ाई चल रही हैं उस पर विराम लगाया था। और उसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता के नोटिस पर कोई भी तत्काल सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया था।
तब सुप्रीम कोर्ट का यह स्पष्ट कहना था कि महाराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर अयोग्यता नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट तब तक फैसला नहीं कर सकती जब तक कि कोई अदालत उस पर अपना फैसला न दे।
उद्धव ठाकरे गुट ने जल्द कार्रवाई की मांग की हैं उस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने यह कहाँ था कि इस मामले में और भी कई याचिकाएं शामिल हैं इसलिये इस की जांच के लिये एक पीठ के गठन की जरूरत होगी और उस गठन की सूचीबद्ध करने में थोडा समय लग सकता हैं। लेकिन देखा जायें तो इससे पहले ही कपिल सिब्बल ने उद्धव ठाकरे समर्थक गुट की तरफ से इस महाराष्ट्र मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी।
उधर संजय राउत ने की महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग शिवसेना पार्टी के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने यह मांग की है कि शिवसेना पार्टी के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना कोई फैसला ना सुनायें तब तक महाराष्ट्र राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक मुलाकात के दौरान एकनाथ शिंदे की सरकार के नए मंत्रिमंडल के गठन में हो रही देरी की भी आलोचना की। साथ ही संजय राउत ने ट्वीट करते हुये बोला कि ‘बारबाडोस की जनसंख्या ढाई लाख है और मंत्रिमंडल में 27 सदस्य हैं।महाराष्ट्र राज्य में 12 करोड़ की आबादी को सिर्फ दो लोगों का मंत्रिमंडल अपने मनमाने ढंग से चला रहा है। जिसमें संविधान का अपमान हो रखा है!
तो अब की बडी खबर दोनों गुट होंगे एक दुसरे के आमने-सामने महाराष्ट्र राज्य के विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत ने शिवसेना के सभी 53 विधायकों को अपना खुदका कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिनमें से 40 विधायकों को नोटिस भेज दिया गया हैं जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में हैं!
और बाकी के जो अन्य 13 विधायक जो उद्धव ठाकरे के गुट में हैं उनको भी महाराष्ट्र राज्य के विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं। यह पुरा मामला शिवसेना के इन दो गुटों से शुरु हुआ हैं जहाँ पर यह दोनों गुटों ने एक दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की।
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