Taj Mahal In Hindi | Taj Mahal kya hai
Taj Mahal In Hindi

Taj Mahal In Hindi | Taj Mahal kya hai

Taj Mahal In Hindi | Taj Mahal Kya Hai

हॅलो दोस्तो सभी का वेलकम है इस आर्टिकल मे जिसका नाम है Taj Mahal In Hindi
हम सभीने ताज महल का नाम सुना है परंतु कुछ ऐसे लोग है जिन्होने ताज महल को देखा है परंतु ताज महल की पुरी और सही जानकारी उनको पता नही होती और कुछ ऐसे लोग है जिन्होने अभी तक ताज महल को देखा नहीं और उनको भी ताज महल की पुरी और सही जानकारी पता नही होती इसीलिये


Taj Mahal In Hindi यह आर्टिकल आप सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हम Taj Mahal से जुडी कही सारी जानकारी इस आर्टिकल मे देखने वाले है तो यह सभी जानकारी से आपको बहुत फायदा होगा और ताज महल का इतिहास को समझने मे आप सभी को आसानी होगी तो आप सब तयार है तो हम Taj Mahal In Hindi इस आर्टिकल को शुरू करते है

Taj Mahal In Hindi

हम सभी लोगो ने ताज महल के बारे में कभी ना कभी थोड़ा बहुत सुना ही होगा कही सारे लोग ताज महल को देख कर आए है फिर भी उन्हें दोबारा एक बार ताज महल को देखने की चाहत जरूर होती है और जिन लोगो ने ताज महल को नहीं देखा वह जरूर ताज महल को देख ने की इच्छा रखते है तो आईये जानते है ताज महल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियों

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जब हम आगरा शहर का नाम सुनते है तो पहले हमारे दिमाग में ताज महल का प्रतिबिंब आता है जिसे सफ़ेद संगमर्मर से बना गया है ताज महल यह असीम और सच्चे प्रेम की निशानी है मुग़ल शासक शाहजहाँ ने उसके प्रेमिका केलिये ताज महल का निर्माण करवाया था और यही ताज महल पुरी दुनिया के सात अजूबों में से एक अजूबा है

ताज महल को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है यह अतिउत्तम मानवीय निर्मित कृतियों में से एक कहलाया जाता है जो विश्व धरोहर के रूप में पूरे विश्व द्वारा सराहे जाता है इस बेहतरीन कृति के बारे में एसा माना जाता है कि मुग़ल शासक शाहजहाँ ने ताज महल का निर्माण करने के बाद सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिये थे ताकि कोई भी इस तरह की ताज महल जvसी कोई दूसरी इमारत नहीं बना सके

ताज महल के निर्माण का इतिहास हिंदी में (History of construction of Taj Mahal in Hindi)

✓ ताज महल के निर्माण का श्रेय मुग़ल शासक के पांचवें शहेनशा शाहजहाँ को जाता है सन 1628 से सन 1658 तक शाहजहाँ ने भारत पर शासन किया तब शाहजहाँ ने अपनी सभी पत्नियों में से उनकी प्रिय बेगम मुमताज़ की याद में ताज महल का निर्माण करवाया है

✓ ताज महल को मुमताज़ का मकबरा के नाम से भी जाना जाता है बेगम मुमताज़ की मृत्यु के बाद शाहजहाँ बहुत अकेले हो गए थे तब उन्होने उनके बेगम के प्रति अपने प्रेम को जिंदा रखने के लिए अपनी बेगम की याद में ताज महल बनवाने का निर्णय लिया

✓ सन 1631 के बाद शाहजहाँ ने आधिकारिक रूप से ताज महल के निर्माण कार्य की घोषणा की और सन 1632 में ताजमहल का निर्माण कार्य को शुरू कर दिया

✓ ताज महल को निर्माण करने में ही काफी समय लग गया वैसे देखा जायें तो इस मकबरे का निर्माण सन 1643 में ही पूरा हो गया था परंतु ताज महल के सभी पहलुओं पर काम करते करते ताज महल को बनाने में लगभग और दस साल लग गए

ताज महल बनाने में कितना रुपया लगा

✓ सम्पूर्ण ताज महल का निर्माण सन 1653 में लगभग 320 लाख रुपये की लागत से पुरा हुआ आज के समय मे जिसकी कीमत 52.8 अरब रुपये मतलब 827 मिल्यन डॉलर है

ताज महल को बनाने में कितने मजदूर लगे

✓ ताज महल के निर्माण में मुग़ल शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहौरी के अधीन 20,000 कारीगरों ने कार्य किया कहते हैं कि ताज महल के निर्माण के बाद शाहजहाँ ने अपने सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिये

ताज महल कौन से स्टेट में है

ताज महल भारत मे उत्तर प्रदेश स्टेट के आगरा शहर में बनाया हुई एक विशाल और अति सुंदर विश्व धरोहर मकबरा है

ताज महल का काम पूरा होने के तुरंत बाद शाहजहाँ को अपने पुत्र औरंगजे़ब के द्वारा आगरा के किल्ले में नज़रबन्द कर दिया गया फिर शाहजहाँ की मृत्यु होने के बाद उन्हें के शरीर को उनकी बेगम मुमताज के बराबर में दफना दिया गया और अंतिम 19वीं सदी के दौरान ताज महल की हालत काफी जीर्ण शीर्ण होती चली थी

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सन 1857 मे ताज महल को ब्रिटिश सैनिकों और सरकारी अधिकारियों द्वारा काफी कुछ सहना पडा़ था ब्रिटिशो न्होंने बहुमूल्य पत्थर, रत्न, और लैपिज़ लजू़ली यह सब दीवारों से खोद कर निकाल लिया 19वीं सदी के आखिर में ब्रिटिश अधिकारी वाइसरॉय जॉर्ज नैथैनियल कर्ज़न ने वृहत प्रत्यावर्तन परियोजना आरंभ की जो सन 1908 में पूर्ण हुई जिसमे आंतरिक कक्ष में एक बडा़ दीपक स्थापित किया गया जो काहिरा में स्थित एक मस्जिद जैसा है उसी समय ताज महल के बागों को ब्रिटिश शैली में बदल दिया गया

ताज महल में खास क्या है

ताज महल एक मुग़ल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है ताज महल की वास्तु शैली फ़ारसी तुर्क / भारतीय / इस्लामी वास्तु कला के सभी घटकों का एक अनोखा सम्मिलन है ताज महल को भारत के इस्लामी कला का रत्न घोषित किया गया है ताज महल का श्वेत गुम्बद और टाइल आकार में पूर्ण संगमर्मर से ढंका गया है यह बना मकबरा वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय करता है ताज महल के इमारत की संरचना की खास बात है कि यह पूर्ण तया सममितीय है और इसका निर्माण सन १६४८ मे लगभग पूर्ण हुआ था उस्ताद अहमद लाहौरी को इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना और बताया जाता है

ताज महल का मध्य बिंदु है वर्गाकार नींव के आधार पर बना एक श्वेत संगमर्मर का मक़बरा है जो एक सममितीय इमारत है जिसमें एक ईवान मतलब अती विशाल वक्राकार द्वार है ताज महल इमारत के ऊपर एक वृहत गुम्बद सुशोभित है और इसके मूल अवयव अधिकतर मुग़ल मक़बरों जैसे फ़ारसी उद्गम से है

1) मूल आधार :-

ताज महल का मूल आधार विशाल बहु कक्षीय संरचना है जिसमे यह प्रधान कक्ष घनाकार के है जिसका हर एक किनारा 55 मीटर का है और लम्बे किनारों पर एक भारी भरकम पिश्ताक मेहराबाकार छत वाले कक्षद्वार है वह ऊपर बने हुये मेहराब वाले छज्जे से सम्मिलित है

2) मुख्य मेहराब :-

ताज महल मुख्य मेहराब के दोनों ओर एक शैलीमें के ऊपर दूसरा शैलीमें और दोनों तरफ दो-दो अतिरिक्त पिश्ताक़ बने हुये है इसि शैली कक्ष के चारों किनारों पर दो-दो एक पिश्ताक के ऊपर दूसरा पिश्ताक बने हुये है यह पूर्ण रचना इमारत के हर तरफ सममितीय है जो ताज महल के इमारत को वर्ग के बजाय अष्टकोण बनाती है परंतु ताज महल के कोने की चारों भुजाएं चार किनारों से काफी छोटी होने के कारण ताज महल को वर्गाकार कहना ही उचित होगा

ताज महल के मकबरे के चारों ओर चार मीनारें मूल आधार के चारों कोनों मे
ताज महल इमारत के दृश्य को एक चौखट में बांधती प्रतीत होता है और मुख्य कक्ष में मुम ताज महल एवं शाहजहाँ की नकली कब्रें है वह खूब अलंकृत है और इनकी असल कब्रें निचले तल पर स्थित है

3) गुम्बद :-

ताज महल के मकबरे पर सबसे उंचा शोभायमान संगमर्मर का गुम्बद है ताज महल का सर्वाधिक शानदार भाग है और इस की ऊँचाई लगभग ताज महल इमारत के आधार के बराबर 35 मीटर है यह एक 7 मीटर ऊँचे बेलनाकार के आधार पर खडा है इसे अपने आकारानुसार अमरूद आकार भी कहा जाता है और उसे गुम्बद भी कहा जाता है जो की इसका शिखर एक उलटे रखे कमल से अलंकृत है जो यह गुम्बद के किनारों को उसके शिखर पर सम्मिलन देता है

4) छतरियाँ :-

ताज महल गुम्बद के आकार इस के चार किनारों पर स्थित चार छोटी गुम्बदा कारी छतरियों से बल मिलता है छतरियों के जो गुम्बद है वह मुख्य गुम्बद के आकार की प्रतिलिपियाँ ही हैं केवल कुछ नाप का फर्क हो सकता है और इनके स्तम्भाकार आधार जो छत पर आंतरिक प्रकाश की व्यवस्था के हेतु खुले रखें है संगमर्मर के ऊँचे सुसज्जित गुलदस्ते उन गुम्बद की ऊँचाई को और जादा बल देते है प्रमुख गुम्बद के साथ ही छतरियों और गुलदस्तों पर भी कमलाकार शिखर बहुत शोभा देता है गुम्बद और छतरियों दोनो के शिखर पर परंपरागत फारसी और हिंदू वास्तु कला का एक प्रसिद्ध घटक धात्विक कलश किरीटरूप में शुशोभीत है

5) ताज महल लेख :-

जब आप ताज महल के प्रवेश द्वार से ताज महल में प्रवेश करते है तब आप एक तरह की अलग ही शांति का अनुभव करते है ताज महल
के द्वार पर एक बहुत ही सुंदर सुलेख लिखा है “हे आत्मा तू ईश्वर के पास विश्राम कर ईश्वर के पास शांति के साथ रहे तथा उसकी पूर्ण शांति तुझ पर बरसे” ताज महल में यह मौजूद सुलेख फ्लोरिड ठुलूठ लिपि में लिखे गए है

इन सभी सुलेख का श्रेय फारसी लिपिक अमानत खां को जाता है यह सभी सुलेख जेस्पर को सफ़ेद संगमर्मर के फलकों में जड़ कर लिखे गऐ है ताज महल में लिखे सुलेख में कई सूरा वर्णित किये है और यह सूरा कुरान में मौजूद है इस सूरा में कुरान की कई आयतें भी मौजूद है

6) शिव मंदिर है ताज महल :-

हिंदू समुदाय के कुछ लोग यह दावा करते है कि ताज महल असली यत में एक शिवमंदिर है जिसका नाम तेजो महालय है शाहजहां की बेगम का नाम मुमताज़ था तो मुमताज़ की स्पेलिंग के आखिर में Z आता है और कि ताज महल में J इसके अलावा ताज महल में मुम शब्द को लगा देते तो भी कुछ नहीं प्रॉब्लेम नहीं था तो फिर मुम शब्द क्यों हटाया गया और इसके अलावा महल यह भी मुस्लिम शब्द नहीं होता है देखा जायें तो कोई भी मुस्लिम देश में ताज महल जैसी इमारत नहीं है जिनके नाम में महल ऐसे शब्द का उपयोग किया गया है इसीलिये पी.एन.ओक की पुस्तक “ताज महल इज़ ए हिन्दू टेंपल” में ऐसी कही तमाम दलीलों को देखा जा सकती है जो इस ताज महल इस इमारत को शिव मंदिर साबित करती है

ताज महल घूमने का समय क्या है
What is the time to visit Taj Mahal these Hindi

अगर आप अपने परिवार के साथ ताज महल देखने और घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको ताज महल के खुलने का समय मालूम होना बहोत जरुरी है ताज महल यह एक निश्चित समय पर ही खोला जाता है तो ताज महल के खुलने का समय सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक का होता है

परंतु पूर्ण मासी के दिन ताज महल के दरवाजे सभी पर्यटकों के लिए रात 8:30 बजे से लेकर 12:30 बजे तक खुले रहते है आप शनिवार से लेकर गुरूवार तक ही ताज महल घूम सकते है परंतु शुक्रवार को ताज महल बंद रखा जाता है क्यो की शुक्रवार को ताज महल में नमाज पड़ी जाती है इसी कारण से आम जनता और पर्यटकों के लिए शुक्रवार के दिन यह बंद रखा जाता है

Taj Mahal Hindi Film

ताज महल फिल्म सन 1963 मे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ की ऐतिहासिक किंवदंती पर आधारित फ़िल्म बानाई गयी है जिसमे किस तरह ताज महल को अपनी प्रिय बेगम मुमताज़ महल की याद में मकबरे के रूप में बनवाया गया यह नाट्य रूप मे दिखाया गया है

एम.सादिक द्वारा निर्देशित

ए.के.नाडियाडवाला द्वारा निर्मित

क़मर जलालाबादी द्वारा लिखित

अभिनीत
प्रदीप कुमार
बीना राय
वीना
रहमान
जीवन
जबीन जलील

रोशन द्वारा संगीत

जी.बालकृष्ण द्वारा छायांकन

मुसा मन्सूर द्वारा संपादित

वीडियो साउंड द्वारा वितरित किया गया

रिलीज सन 1963

फ्लिम समय 145 मिनट का

भाषा हिंदी

ताज महल से जुडी अन्य रोचक बातें

✓ ताज महल के सभी पानी के फव्वारे एक ही साथ काम करते है और इनके नीचे एक पानी का टैंक लगा है जब टैंक भरता है उसके बाद दबाव बनने पर वह सभी फव्वारे एकसाथ पानी छोड़ते हैं

✓ कुतुबमीनार से भी पांच फुट ऊंचा ताज महल है

✓ आपको पता है ताज महल के साथ सबसे पहली सेल्फी जॉर्ज हेरिसन इस श्‍ाख्‍स ने फीस आई लेंस से ली थी

✓ दुनिया में लोगों द्वारा सबसे ज्यादा देखी जाने वाली इमारत ताज महल है हर दिन लगभग 12 हजार लोग ताज महल को देखने आते है और साल 2003 के डाटा अनुसार हर वर्ष ३० लाख से भी अधिक लोग ताज महल को देखने आते है

✓ औरंगाबाद में बना एक बीवी का मकबरा हुबेहूब ताज महल की नकल से बनाया गया उसे मिनी ताज महल भी कहा जाता है

आपने Taj Mahal In Hindi इस आर्टिकल को पूरी तरह से और ठीक से पढलिया है तो
Taj Mahal In Hindi इस आर्टिकल मे आपको ताज महल के निर्माण का इतिहास इन हिंदी, ताज महल बनाने में कितना रुपया लगा, ताज महल कौन से स्टेट में है, ताज महल घूमने का समय क्या है, ताज महल में खास क्या है, Taj Mahal Hindi film यह बताई गई सभी जानकारी आपको अच्छे से समज आयी है तो आप इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें
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